PSU Dividend, Bonus Share, Stock Split पर सरकार ने बदले नियम, निवेशकों पर कैसा होगा असर?
New Guidelines: निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) की तरफ से जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, अब कंपनियों को Dividend, Bonus Share, Stock Split, Share Buyback पर नए नियमों का पालन करना होगा.
New Guidelines: वित्त मंत्रालय ने सोमवार को केंद्रीय लोक उपक्रमों (CPSE) यानी सरकारी कंपनियों के कैपिटल रीस्ट्रक्चरिंग के नियमों में बदलाव किए हैं. निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) की तरफ से जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, अब कंपनियों को Dividend, Bonus Share, Stock Split, Share Buyback पर नए नियमों का पालन करना होगा.
PSU कंपनियों के लिए क्या हैं नए नियम?
- डिविडेंड, बोनस, शेयर विभाजन और बायबैक नियमों में बदलाव
- DIPAM ने किया गाइडलाइंस में बदलाव
- मुनाफे का 30%, नेटवर्थ का 4% जो ज्यादा हो डिविडेंड देना होगा
- सरकारी NBFCs को भी मुनाफे का 30% डिविडेंड देना होगा
- बुक वैल्यू से शेयर 6 महीने नीचे रहने पर बायबैक संभव
- बायबैक के लिए `3000 करोड़ नेटवर्थ, `1500 करोड़ कैश जरूरी
- रिजर्व एंड सरप्लस पेड अप कैपिटल का 20x होने पर बोनस संभव
- शेयर विभाजन के लिए 6 महीने तक फेसवैल्यू का 150x प्राइस जरूरी
- दो शेयर विभाजन के बीच 3 साल का अंतर होना चाहिए
दीपम ने क्या कहा है?
दीपम ने CPSE के कैपिटल रिस्ट्रक्चरिंग कि गाइडलाइन में बदलाव किया है. दीपम ने डिविडेंड के 30 परसेंट नेट प्रॉफिट का या 4 परसेंट कुल नेटवर्थ जो ज़्यादा हो वार्षिक डिविडेंड देने के लिए नया नियम बनाया है. वहीं नई गाइडलाइन में CPSE NBFC यानी सरकारी गैर वित्तीय बैंकिगं संस्थाओं को अपने PAT का 30 परसेंट डिविडेंड में देने को कहा गया है. जिस कंपनी का प्राइस बुक वैल्यू से लगातार 6 महीने नीचे चल रहा हो और नेट वर्थ 3000 करोड़ से ज़्यादा हो और कैश एंड बैंक बैलेंस 1500 करोड़ से ऊपर हो वो बाइबैक कर सकता है.
बोनस शेयर के लिए कंपनी का रिज़र्व एंड सरप्लस पेड अप कैपिटल से 20 टाइम्स हो या बराबर हो वो कंपनी बोनस शेयर इशू करने सकती है. शेयर स्प्लिट के लिए शेयर प्राइस का फेस वैल्यू का 150 टाइम्स लगातार छ: महीने से ट्रेड करना ज़रूरी है. दो स्प्लिट के बीच 3 साल का अंतर होना चाहिए. नई गाइडलाइन इसी फाइनेंशियल ईयर से लागू होंगी.
नए नियमों का क्या होगा असर?
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मार्केट गुरु अनिल सिंघवी ने कहा कि DIPAM की गाइडलाइंस बेहद पॉजिटिव हैं. अब सरकारी कंपनियां ज्यादा इन्वेस्टर फ्रेंडली होंगी. डिविडेंड, बायबैक, बोनस और स्टॉक स्प्लिट को लेकर ज्यादा पारदर्शिता होगी. इसी के साथ ज्यादा कमाई करने वाली PSU शेयरों में खरीदारी होगी. यानी कि निवेशकों के लिए सरकारी कंपनियों में निवेश के ज्यादा मौके मिलेंगे.
08:31 AM IST